जैसा चाहे वैसे ढालती घर आंगन परिवार अपना। जैसा चाहे वैसे ढालती घर आंगन परिवार अपना।
भूल गई वो भी थी बेटी बेटी से ही प्यारे आंगन लगते हैं भूल गई वो भी थी बेटी बेटी से ही प्यारे आंगन लगते हैं
आज मिली आज़ादी तुमको जी लो अपना जीवन नारी। आज मिली आज़ादी तुमको जी लो अपना जीवन नारी।
नारी का जीवन - एक सुनहरी, सुंदर, गोल बेड़ी ! नारी का जीवन - एक सुनहरी, सुंदर, गोल बेड़ी !
इसका नहीं कोई अंतिम छोर अपनी रूह को मेरी रूह से तू जोड़। इसका नहीं कोई अंतिम छोर अपनी रूह को मेरी रूह से तू जोड़।
अचानक से आईने ने रूप की सिलवटों को दिखाया है, आखिर तेरे पास कहने को सिर्फ तेरा क्या है. . अचानक से आईने ने रूप की सिलवटों को दिखाया है, आखिर तेरे पास कहने को सिर्फ त...